Yuvraj Singh

Yuvraj Singh

युवराज सिंह का जन्म 12 दिसंबर 1981 को चंडीगढ़ में योगराज सिंह के परिवार में हुआ था , योगराज सिंह और शबनम सिंह के २ बेटों में युवराज सिंह अपने भाई ज़ोरावर सिंह से बड़े है  इनके पिता को  क्रिकेट से बहुत प्यार था और वह भी एक क्रिकेट प्लेयर रह चुके थे! इसलिए उनकी ख्वाइश थी की युवराज सिंह अपना भविष्य क्रिकेट में  बनाये ,लेकिन  टेनिस और रोलर स्केटिंग युवराज के पसंदीदा खेल थे और युवराज दोनों ही  खेल अच्छा खेलते थे.इतना ही नहीं  युवराज ने अन्तराष्ट्रीय अंडर 14 रोलर स्केटिंग चैंपियनशिप भी जीती है. लेकिन उनके पिता ने उनके सारे मेंडल्स फेक दिए थे और कहा था की वे सिर्फ क्रिकेट पर ही ध्यान दे. युवराज के पिता उन्हें रोज अभ्यास के लिए ले जाते थे. उनसे मिली 5  साल की ट्रेनिंग और शुरुआती पढाई चंडीगढ़ से ही dav पब्लिक स्कूल से करने के बाद युवराज सिंह मुंबई वेंगसरकर अकादमी चले गए , मुंबई में उनकी ट्रेनिंग के दौरान उनके माता पिता का तलाक हो गया जिसके बाद युवराज अपनी माँ शबनम के साथ  रहने लगे और आखिरकार युवराज सिंह  ने 3 अक्तूबर 2000 को अपने क्रिकेट जीवन का पहला मैच इंडियन क्रिकेट team में खेला! उसके बाद युवराज सिंह ने पीछे मुढ़कर नहीं देखा और लगातार इंडियन क्रिकेट टीम के लिए बढ़िया प्रदर्शन करने लगे!  युवी ने अपने जीवन में एक बड़ा रिकॉर्ड तब बनाया जब 2007 के 20-20 विश्व कप में इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए एक मैच में स्टुअर्ड ब्राड के 6 बाल पर 6 छक्के लगाया। युवराज सिंह ने 6 बाल पर 6 छक्के लगाकर पूरी दुनिया के क्रिकेट प्रेमी को हिला कर रख दिया। 6 बाल पर 6 छक्के लगाना अपने आप में एक बहुत बड़ा रिकॉर्ड है। इसके साथ साथ 2007 के 20-20 विश्व कप के मैच में युवराज सिंह  ने मात्र 12 गेद पर 50 रन बनाकर एक विश्व कप रिकॉर्ड भी बना दिया। युवराज सिंह  के 12 गेद पर 50 रन बनाने का रिकॉर्ड अभी तक कोई नहीं तोड़ पाया है। युवराज सिंह एक बहुत ही तेजी से रन बनाने वाले बैटमैन थे।  Yuvraj Singh ने अभी तक 250 से भी ज्यादा ODI और 40 से भी ज्यादा टेस्ट मैच खेल चुके है! अपने क्रिकेट जीवन में Yuvraj Singh बहुत सारे रिकॉर्ड बनाये है! युवराज सिंह पहली बार कूच-बिहार ट्राफी के दौरान चर्चा में आए जब उन्होंने पंजाब क्रिकेट टीम की तरफ से खेलते हुए 358 रन बनाए. इस प्रदर्शन के बल पर उन्हें साल 2000 में अंडर 19 विश्व कप के लिए भारतीय टीम में खेलने का मौका मिला. भारत ने इस साल यह प्रतियोगिता जीत भी ली.  साल 2000 में ही युवराज को भारतीय क्रिकेट टीम के लिए भी चुना गया. आईसीसी नॉक-आउट ट्राफी के दौरान केन्या के खिलाफ उन्होंने अपना पहला मैच खेला. इस सीरीज के दूसरे ही मैच में युवी ने आस्ट्रेलिया के खिलाफ विस्फोटक रुख अपनाते हुए अपने बल्ले की धाक दिखा दी थी. इस मैच में उन्होंने 82 गेंदों पर 84 रन बनाए पर सीरिज के बाद युवी को टीम में दुबारा जगह बनाने के लिए एक साल का इंतजार करना पड़ा.2002 में नेटवेस्ट सीरीज के दौरान युवराज सिंह ने मोहम्मद कैफ के साथ मिलकर फाइनल में भारत की जीत में अहम रोल निभाया था. यह मैच युवराज के कॅरियर के लिए एक टर्निंग प्वॉंइट की तरह साबित हुआ. साल 2002 से लेकर 2005 तक कई अहम मौकों पर युवी ने राहुल द्रविड़ और कैफ के साथ मिलकर भारत को कई जीतें दिलाईं. 2011 के वर्ल्ड कप से लगभग १ महीने पहले  एक दिन युवराज को सांस लेने थोड़ी परेशानी हुई पर उन्होंने वर्ल्ड कप में अपने शानदार प्रदर्शन से वर्ल्ड कप में जीत हासिल की। जहा वो एक तरफ जीत से खुश थय दुरी तरफ उनकी तबियत दिन बा दिन खराब होती जा रही थी ,हेल्थ चेक उप करने के बाद पता चला की उन्हें स्टेज 1 का कैंसर है लेकिन उन्होंने इस बबीमरि का डट के सामना किआ और 2012 में वापसी ली लेकिन पहले जैसा प्रदर्शन नहीं कर पाए। अपनी निजी ज़िन्दगी में आगे बढ़ते हुए ३० नवंबर 2016 में हेज़ल कीच से शादी की, दोस्तों भारतीय क्रिकेट में युवराज सिंह के योगदान को चुनिंदा शब्दों में बयां कर पाना मुमकिन नहीं है।