Vijay Shekhar Sharma

चाहे पहले की बात करी जाये या आज की सरकारी स्कूल में पढ़ने वाला हर एक व्यक्ति अंग्रेजी ना आने की परेशानी को दुनिया में हमेशा से जेलता आया है कभी-कभी लगता है कि अंग्रेजी ना आना इतनी बड़ी बात है कया... लेकिन कुछ भी हो जिस व्यक्ति से आज हम आपका परिचय कराने जा रहे हैं उनहे जब कॉलेज में अंग्रेजी में पूछे गए सवाल का जवाब अंग्रेजी में समज ना आने की वजह से सबके सामने बेज्जती का सामना करना पडा लेकिन उसी बेज्जती की वजह से वो व्यक्ति आज एक सक्सेसफुल बिजनेसमैन है और उनका नाम है विजय शेखर शर्मा और जिस बिज़नेस के वो CEO है उसका नाम है Paytm जो आज के समय में दुनिया का नंबर वन ऑनलाइन पेमेंट प्लेटफार्म है इस कहानी के शुरुआत हुई थी उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से जहां पर विजय शर्मा का जनम हुआ वेसे तो विजय बचपन से ही पढ़ाई में बहुत ही होशियार थे लेकिन अपने घर की आर्थिक स्थिति के कारण उनहोने अपनी स्कूलिंग सरकारी स्कूल से की विजय हमेशा से ही अपने स्कूल में पहले बैंच पर बेठते थे उनहोने अपनी काबिलियत के दम पर अपने आगे की पढ़ाई के लिए उन्होंने दिल्ली कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग में अड्मिशन लिया यहां तक तो सब कुछ ठीक से हो गया परेशानी पर इसके बाद आई जब उन्होंने क्लासेज शुरु किया और वो सारी क्लासेस अंग्रेजी में होती थी जिसे उनको समझने में काफी दिक्कत होती थी और एक दिन जब उनकी टीचर ने उनसे अंग्रज़ी में सवाल किया पर विजय ने पहले की सारी पढाई हिंदी में की थी इसलिए उन्हें अपने टीचर का सवाल समझ में नहीं आया जिस वजा से विजे को अपने पूरी क्लास में शर्मिंदगी जेलनी पडी बस उस दिन के बाद से विजय नहीं अपनी क्लास में जाना छोड़ दिया और एक तरकीब निकाली की वो अपनी किताबें अंग्रेजी और हिंदी दोनो भाषाओं में पैरेलल पढ़ेंगे जिससे उनको सबकुछ समझ में आएगा वो कहते हैं ना जहां चाहा हो वही रहा होती है जिस दिन व्यक्ति अपनी कमजोरियों को भी अपनी ताकत बना लेता है उस दिन वह अपने हर समस्या का समाधान निकाल ही लेता है विजय ने भी ऐसा ही किया और इतना ही नहीं विजय ने अंग्रेजी में अच्छी पकड़ बनाने के लिए अपने कॉलेज की लाइब्रेरी में जाकर सक्सेस स्टोरी पढ़ना शुरू करें जिससे उन्हें यह फायदा हुआ कि उनकी अंग्रेजी भी सुधर गई और सक्सेस स्टोरी पढ़ने की वजह से उनका जिंदगी को देखने का नजरिया भी बदला फिर उन्होंने कंप्यूटर लैब में जाकर कोडिंग भी सीखनी शुरू कर दी इसी दौरान उन्होंने बिजनेस करने का सोच लिया था विजय ने अपने एक दोस्त के साथ मिलकर India site.net की एक website बनाई और फिर कुछ समय छोटे प्रोजेक्ट पर काम करा फिर इस वेबसाइट को 2 साल बाद एक अमेरिकी कंपनी ने 1 मिलियन डालर में खरीद लिया फिर उन्होंने one97 नाम की एक कंपनी की शुरुआत की लेकिन इस कंपनी को आर्थिक समस्याओं से गुजरना पड़ा और वक्त के साथ इस कंपनी की हालत बद से बदतर हो गए लेकिन विजय ने उस समय हार नहीं मानी इतने बुरे वक्त में उन्होंने यह सोचा यंग बॉय और मैन में क्या डिफरेंस होता है यंग बॉय हालात से मजबूर होकर हार मान लेता है और अपनी कंपनी भेच देता है लेकिन मैन अपने कंपनी को संघर्ष करके आगे बढ़ाता है और कभी हार नहीं मानता बुरे से बुरे परिस्थिति में भी आगे बढ़ने के बारे में सोचता है उनकी इसी सोच ने उन्हें आगे बढ़ने का हौसला दिया और फिर वक्त के साथ उनके कंपनी में परिवर्तन होने लगा और कहते हैं ना जब किसी चीज को करने की ठान लो तो राह अपने आप बनने लग जाती है उस वक्त में उन्होंने नोटिस किया कि स्मार्टफोन बहुत ज्यादा पॉपुलर हो रहे हैं यहीं से उन्होंने cashless transaction यानी online payment का आइडिया आया और उन्होंने paytm नाम की एक website बनाई विजय ने सोचा कि क्यों न कुछ ऐसा किया जाए जिससे लोगों की समस्याएं हल हो जब स्मार्टफोन हर किसी के पास है तो क्यों ना स्मार्टफोन के जरिए ही पेमेंट कर दी जाए उन्होंने paytm शुरुआत मोबाइल रिचार्ज से करें वैसे तो और भी वेबसाइट थी जहां से लोग पहले से ही फोन रिचार्ज करवा लेते थे लेकिन पेटीएम ने रिचार्ज का जरिया बहुत हेंडी बनाया और वक्त के साथ विजय ने पेटीएम के अंदर ही line wallet mobile recharge bill payment money transfer or shopping जैसे कई features update करे और आज के वक्त में विजय के अटूट विश्वास कड़ी मेहनत और लगन के दम पर पेटीएम नंबर 1 e-commerce ऑनलाइन पेमेंट सर्विस बन चुका है |