Verghese Kurien

Author: Zeba

मिल्क मैन ऑफ इंडिया फादर ऑफ व्हाइट रिवॉल्यूशन और भारत की सबसे बड़ी मिल्क कंपनी अमूल के फाउंडर वर्गीज कुरियन (verghese kurien) जिन्होंने 60 के दशक में दूध की किल्लत से जूझ रहे हैं भारतवर्ष को दुनिया का नंबर वन दूध उत्पादक देश बनाया और आज अमूल लगभग 600 करोड डॉलर कोऑपरेटिव कंपनी है जिसके प्रोडक्ट 60 से ज्यादा देशों में एक्सपोर्ट होते हैं डॉ वर्गीज कुरियन का जन्म 26 नवंबर 1921 को केरल शहर में हुआ था शुरू से ही पढ़ाई लिखाई में काफी अच्छे रहे। वर्गीज कुरियन ने साल 1940 में ग्रेजुएशन की डिग्री ली अपनी पढ़ाई खत्म करने के बाद उन्होंने कुछ टाइम के लिए टाटा स्टील लिमिटेड में काम किया लेकिन काम करने के साथ उन्होंने अपनी  आगे की पढ़ाई को भी जारी रखा शुरुआत में वर्गीज को डेयरी फार्मिंग में बिल्कुल भी इंटरेस्ट नहीं था लेकिन जब उन्हें डेरी इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए इंडियन गवर्नमेंट से स्कॉलरशिप मिली तो उन्होंने सबसे पहले बेंगलुरु के इंपीरियल इंस्टिट्यूट ऑफ एनिमल हस्बैंडरी एंड डेयरिंग, (imperial institute of animal husbandry and dairying) बेंगलुरु में 9 महीने तक पढ़ाई की इसके बाद भारत सरकार ने स्पेशल ट्रेनिंग के लिए मिशीगन स्टेट यूनिवर्सिटी अमेरिका (michigan state university america) भेज दिया वहां डेयरी टेक्नोलॉजी में काम करते हुए उनका इसमें इंटरेस्ट बढ़ता चला गया इसके बाद इंडियन गवर्नमेंट की हेल्प से वो ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड गए और वहां उन्होंने मिल्क प्रोडक्शन की बारीकियां सीखी अमेरिका से इंडिया वापस आने के बाद डॉक्टर कुरियन इंडियन गवर्नमेंट के द्वारा संचालित डेरी विभाग में शामिल हो गए और इसके 1 साल के बाद उन्हें गुजरात भेजा गया जहां सरकारी अनुसंधान क्रीमरी में उन्हें डेरी इंजीनियर बनाया गया ये वो टाइम था जब डेयरी उद्योग कुछ प्राइवेट हाथों में था और किसानों को उनके दूध की सही कीमत नहीं मिल रही थी किसानों का शोषण किया जा रहा था डॉक्टर कुरियन को उनकी नौकरी पसंद नहीं आ रही थी इसके बाद उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी। वो वहां से वापस जा रहे थे कि तभी केरल जिला दूध उत्पादक संघ लिमिटेड के संस्थापक (Founder of Milk Producers Union Limited) त्रिभुवनदास पटेल ने उन्हें रोक लिया और कुछ दिन अपने साथ काम करने के लिए उन्हें राज़ी कर लिया। इसके साथ ही किसानों ने उनके ऊपर जो भरोसा दिखाया उसने डॉक्टर कुरियन को उनकी मदद करने के लिए प्रेरित किया। दिसंबर से मार्च तक बछड़ों के जन्म के कारण दूध उत्पादन ज्यादा होता था लेकिन उस टाइम पर दूध की मांग काफी कम रहती थी जिसके चलते किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ता था ऐसे में अगर दूध को पाउडर में कन्वर्ट कर दिया जाता तो कुछ बात बन जाती लेकिन उस टाइम पर सिर्फ गाय के दूध का पाउडर बनाने की टेक्नोलॉजी अवेलेबल थी ऐसे में डॉक्टर कुरियन ने अमेरिका में उनके बैचमेट रहे एच एम दलाया को आनंद बुलाया और वही रहने के लिए राजी कर लिया। जल्द ही एचएम दलाया ने भैंस के दूध से स्किम्ड पाउडर (skimmed powder) और कंडेंस मिल्क बनाने का अविष्कार करके दिखाया जिस वक्त एचएम दलाया और डॉक्टर कुरियन रिसर्च करने में लगे हुए थे तो उस समय में दुनिया भर के डेरी एक्सपर्ट्स इसे नामुमकिन सा काम समझ रहे थे लेकिन उन दोनों ने इसे मुमकिन करके दिखाया नंबर वन अमूल कंपनी का नामकरण K.D.C.M.P.U.L से अमूल नाम डेयरी लेबोरेटरी में काम करने वाले शख्श ने दिया था जो वहां काम करता था अमूल , Nestle जैसी बड़ी कंपनी को टक्कर दे रही थी जो उस वक्त तक सिर्फ गाय के दूध से पाउडर बनाया करती थी ...अमूल कंपनी की सक्सेस देश के प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को इस कदर पसंद आई कि उन्होंने अमूल मॉडल को पूरे देश में फैलाने के लिए डेरी डेवलपमेंट बोर्ड का गठन कर दिया डॉ वर्गीज कुरियन को बोर्ड का अध्यक्ष चुना गया। इस पोस्ट पर वो करीब 33 साल तक अध्यक्ष रहे। अमूल मॉडल को देश के कई राज्यों में चलाया भारत को पूरे वर्ल्ड में दूध उत्पादन में नंबर वन बना दिया डॉ वर्गीज कुरियन की उपलब्धियों पर उन्हें बहुत से अवार्ड भी मिले हैं। देश की सबसे बड़ी समस्या का हल देने वाले आदरणीय डॉ॰ वर्गीज कुरियन 90 साल की उम्र में 9 सितंबर, 2012 के दिन इस दुनिया से चले गए। उन्होने अपनी आखरी साँस गुजरात राज्य के नाडियाड में ली थी। अमूल के माध्यम से उनके द्वारा किये गए उनके अमूल्य योगदान को देश हेमशा याद रखेगा।