Author: Zeba
आज हम उस शख्स के बारे में बात कर रहे हैं जिन्हें खुद पर था बहुत सारा भरोसा और वह कभी भी हार नहीं मानते थे। शिव नादर उन गिने-चुने लोगों में से एक है जिन्होंने इंडिया में सबसे पहले टेक्नोलॉजी कंपनी की शुरुआत की जिनकी यह सोच थी कि अगर भारत को भविष्य में आगे बढ़ाना है तो उसे टेक्नोलॉजी में भी आगे रहना होगा। अपने सटीक फैसले और दूरदृष्टि के लिए जाने जाने वाले शिव नादर आज भारत के तीसरे सबसे अमीर इंसान है शिव नादर का जीवन हर इंसान के लिए एक मोटिवेशन बन सकता है क्योंकि उन्होंने जीरो से शुरुआत की और आज यह अरबों खरबों के मालिक हैं। शिव नादर का जन्म 18 जुलाई 1945 को तमिलनाडु में हुआ था और उनकी शुरुआती शिक्षा टाउन हायर सेकेंडरी स्कूल से हुई उन्होंने वहां साल 1955 से 1957 तक पढ़ाई की।इसके बाद इन्होंने PSG कॉलेज ऑफ़ टेक्नोलॉजी कोयंबटूर से इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स में इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी। अपनी पढ़ाई पूरी होने के बाद ही साल 1967 में पुणे के कपूर इंजीनियरिंग से अपने करियर की शुरुआत की लेकिन वह इससे खुश नहीं थी क्योंकि वह अपना खुद का बिजनेस शुरू करना चाहते थे। इसके बाद वह दिल्ली आ गए और इन्होंने दिल्ली के क्लॉथ मील में काम किया और इसके बाद ही उनकी जिंदगी में बड़ा बदलाव आया उन्हें अपने जैसे ही कुछ लोग मिले जो अपना खुद का बिजनेस शुरू करना चाहते थे। क्याऔर उन्होंने जॉब छोड़ दी इसके बाद उन्होंने साल 1976 में अपने छह दोस्तों के साथ उन्होंने एक माइक्रोकॉम्प लिमिटेड नाम की एक कंपनी बनाई। ये कंपनी टेलीडिजिटल कैलकुलेटर्स बेचने का काम करने लगी जिससे काफी फायदा होने लगा और यह बिजनेस अच्छा खासा चलने भी लगा लेकिन शिव नादर को फ्यूचर के लिए कुछ ऐसा करना चाहते थे उनका एक सपना था की इंडिया अपने कंप्यूटर्स खुद बनाएं जब उन्होंने यह सपना देखा उस समय में इंडिया के पास सिर्फ 200 कंप्यूटर है जो विदेश से खरीदे गए थे जब भी सपना बड़ा होता है तो उसके आगे चुनौतियां उससे भी बड़ी होती है इसी के चलते शिव नादर ने अपने सभी दोस्तों के साथ मिलकर एक नई कंपनी की शुरुआत की लेकिन उन्हें उस समय में उनकी कंपनी में इन्वेस्ट करने के लिए नहीं मिल रहा था लेकिन उनकी किस्मत इतनी अच्छी रही यूपी गवर्नमेंट के द्वारा आईटी सेक्टर में के स्टार्टअप को बढ़ावा दे रही थी जिसके चलते शिव नादर को अपने सपने को पूरा करने का एक मौका मिला उन्होंने अपनी पहली कंपनी माइक्रोकोम्प को बेच दिया और इससे मिले पैसों से उन्होंने HCL कि शुरुआत की और इस कंपनी का पूरा नाम हिंदुस्तान कंप्यूटर लिमिटेड है इस कंपनी की शुरुआत 11 अगस्त 1976 में हुई और यह मार्केट में आने के बाद पूरी मार्केट में अपना दबदबा बनाने में कामयाब रही लेकिन इस कंपनी के सामने बहुत सारी चुनौतियां बनाई लेकिन इस कंपनी ने कभी हार नहीं मानी हर कठिनाइयों को पार कर कर साल दर साल ये कंपनी नई ऊंचाइयों को छूती रही साल 2020 में इस कंपनी की रिवेन्यू 71000 करोड की थी जो इस बात को प्रूफ करती है एचसीएल भारत की सबसे बड़ी आईटी कंपनियों में से एक है और आज एचसीएल लगभग 50 देशों में काम कर रहे हैं और इसके अंदर 100000 से भी ज्यादा एंप्लाइज काम करते हैं एचसीएल का हेड क्वार्टर नोएडा में है साल 2008 में आईटी सेक्टर में इनके कॉन्ट्रिब्यूशन के लिए शिव नादर को पद्म भूषण से सम्मानित किया गया शिव नादर सिर्फ एक बिजनेसमैन ही नहीं वह एक समाजसेवी भी है और यह अपनी टोटल इनकम का 10% डोनेशन मे देते हैं। इन्होंने एक शिव नादर फाउंडेशन की स्थापना की जिसके जरिए इंडियन एजुकेशन सिस्टम मैं कुछ बदलाव किए जा सके उन्होंने चेन्नई में एसएसएन कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग की शुरुआत की जो आज देश की बेस्ट प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेज में से एक है इसके बाद उन्होंने यूपी के ग्रेटर नोएडा में शिव नादर यूनिवर्सिटी की नींव रखी जहां अंडर ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट और प्रोफेशनल डिग्री की शिक्षा दी जाती है इसके साथ ही यूपी में विद्या ज्ञान पब्लिक स्कूल का भी निर्माण किया गया जहां ग्रामीण बच्चों को मुफ्त में वर्ल्ड क्लास एजुकेशन दी जाती है।