Saina Nehwal

हाथ में बैडमिंटन और शटल  पर तेज नजर यह है बैडमिंटन क्वीन सायना नेहवाल की पहचान, जिसने बैडमिंटन से भारत का  परचम सारे जहां में लहराया, हरियाणा से भारत को ऐसे अनमोल हीरे मिले हैं जिन्होंने सारी दुनिया में अपनी छाप छोड़ी है, सायना का जन्म  17 मार्च 1990 में हरियाणा में हुआ और इन्हें प्यार से घर में साई कहा जाता है बैडमिंटन खेलना साइना के खून में शामिल है क्योंकि सायना के माता-पिता दोनों ही बैडमिंटन खिलाड़ी रहे जिस वजह से सायना बैडमिंटन की ओर  रुझान बचपन से ही रहा, पिता की ट्रांसफर की बात वह हरियाणा से हैदराबाद  शिफ्ट हो गई, हैदराबाद में रहते हुए साइना ने कराटे  की ट्रेनिंग लेना शुरू की और उसकी कुछ टाइम के बाद समर कैंप में उन्होंने बैडमिंटन की ट्रेनिंग ली स्पोर्ट्स अथॉरिटी आंध्र प्रदेश के बैडमिंटन कोच नानी प्रसाद ( text) की नजर जब साइना पर पड़ी तो वह समझ गए , ये  लड़की बड़े होकर कुछ बड़ा करेगी जिसके बाद उन्होंने साइना को रोज सुबह 6:00 बजे बैडमिंटन प्रैक्टिस पर आने के लिए कहा , बस वही वह पल था जहां से साइना का बैडमिंटन का सफर शुरू हुआ लेकिन साइना के घर से स्टेडियम की दूरी 20 किलोमीटर दूर था  इसके लिए उनके पिता को बहुत मेहनत करनी पड़ती थी जिससे वो अपनी नौकरी और साइना को टाइम पर प्रैक्टिस के लिए छोड़ सकें.. वह हर रोज लगभग 50 किलोमीटर का सफर एक स्कूटर पर तय करते  और यह सब काफी समय तक चलता रहा, कहीं पर साइना के पिता को उनकी प्रैक्टिस के लिए अपने पीएफ से पैसे निकालने पड़े और साइना को सिर्फ अपने प्रैक्टिस पर फोकस करना था और यह बात उनके कोच प्रसाद राव ने कही, अपने गुरु के आदेश को मानते हुए साइना ने अपने आप को पूरी तरह से बैडमिंटन के प्रैक्टिस में झोंक दिया साल 1999 से 2000 तक ऐसे ही चलता रहा जब साल 2002 में यूनिक्स में साइना के किट को स्पॉन्सर किया उसके बाद उनके पिता को थोड़ी सी राहत मिली यह वह तो और था जब क्रिकेट के अलावा किसी भी स्पोर्ट्स में अच्छे से अच्छा परफॉर्म करने के बाद भी प्राइस बहुत ही छोटा मिलता था पहली बार चैंपियनशिप जीतने के बाद भी साइना को ₹300 मिले साथ ही उनकी मां बाप को साइना की पढ़ाई को लेकर भी काफी चिंता रहती थी साल 2003 तक स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया साइना को सिर्फ ₹600 हर महीने दिए जाते थे जो साल 2003 में बढ़कर 2500 धीरे-धीरे करके साइना नेहवाल को सभी लोग जाने लगे,16 साल की उम्र में उन्होंने एशियन  satellite बैडमिंटन टूर्नामेंट जीता उनके करियर में एक बेहतरीन मूड आया... जब उन्होंने   फिलीपींस ओपन टूर्नामेंट  मैच जीता जो कि 4 स्टार टूर्नामेंट माना जाता है जिसे जीतने वाली यह भारतीय पहली  महिला है सन 2009 में इन्होंने बीडब्ल्यूएफ सुपर सीरीज अपने नाम की करने वाली वह पहली इंडियन बनी साल 2010 में कॉमनवेल्थ गेम में उन्होंने गोल्ड मेडल जीतकर पूरे देश का नाम रोशन किया इसके बाद साल 2012 में समर ओलंपिक में उन्होंने ब्रोंज मेडल जीता साइना नेहवाल ने 24 इंटरनेशनल  टाइटल्स में फर्स्ट पोजीशन अपने नाम की बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन के द्वारा ऑर्गेनाइज की गई  सारे फॉर्मेट में मेडल जीतने वाली वह एकमात्र भारतीय खिलाड़ी है ओलंपिक्स में बैडमिंटन में मेडल जीतने वाली भी वह पहली भारतीय खिलाड़ी है उनके सपोर्ट की स्पॉन्सरशिप स्पोर्ट्स के फेमस बैंड योनेक्स के पास है इसके साथ ही सहारा इंडिया परिवार की वो ब्रांड एंबेसडर  भी रही... और इसके साथ ही वह बहुत सारे ब्रांड के एडवर्टाइजमेंट में भी नजर आती हैं, साइना नेहवाल को राजीव गांधी खेल रत्न अर्जुन अवॉर्ड पद्मश्री और भारत के तीसरे सबसे बड़े अवॉर्ड पद्म भूषण से भी साइना नेहवाल को सम्मानित किया गया है साइना नेहवाल को इंडियन गवर्नमेंट ने girl child campaign of India का ब्रांड एंबेसडर बनाया। भारत के प्राइम मिनिस्टर ने साइना को डार्लिंग डॉटर ऑफ इंडिया( darling daughter of india) के  खिताब से भी नवाजा ।( text) इनकी लाइफ के ऊपर एक बायोपिक मूवी बनी है उसका नाम है saina जिसको दर्शकों का खूब प्यार मिला।