Rishabh Pant

हर किसी के अंदर बचपन से एक ऐसा सपना होता है जिसको पूरा करने में हर कोई अपनी जी जान लगा देता है लेकिन जैसे जैसे इंसान बड़ा होता है उसके ऊपर जिम्मेदारी आ जाती है और उसके सपने जिम्मेदारियों के ऊपर फीके पड़ने लगते हैं लेकिन जिंदगी में सफलता उसी को मिलती है जो बचपन में देखे हुए सपने को जी जान लगाकर पाने की कोशिश करता है यह बात बिल्कुल सही बैठती है भारतीय क्रिकेट टीम के उभरते हुए खिलाड़ी ऋषभ पंत के ऊपर जो कि आईपीएल से लोगों के सामने आए। अपनी ताबड़तोड़ बल्लेबाजी से उन्होंने हर किसी को प्रभावित किया ऋषभ पंत को तो हम सब उनकी ताबड़तोड़ बल्लेबाजी के लिए तो जानते ही हैं अगर सच में देखा जाए तो नेशनल टीम में जगह बनाने का रास्ता इतना आसान नहीं रहा क्योंकि एक साधारण से परिवार में जन्मे वह दिन भी देखे हैं जब उन्हें लंगर के खाने से पेट भरना पड़ता है और कई बार तो रात को गुरुद्वारे में ही सोना पड़ता था शुरू में परिवार का खास सपोर्ट नही था। 4 अक्टूबर 1997 को हरिद्वार में उनका का जन्म हुआ. ऋषभ पंत बचपन में शांत स्वभाव के बच्चे थे और वो अपने घर वालों को कभी परेशान नहीं करते थे अगर उन्हीं कभी डांट पड़ती थी तो वह क्रिकेट खेलने लगते थे क्योंकि क्रिकेट खेलने से उन्हें शांति मिलती थी। और उनको बिल्कुल भी ध्यान नहीं रहता था कि उन्हें खेलते हुए कितना टाइम हो गया है पूरा दिन क्रिकेट खेल के आने के बाद उनके घर में पिटाई भी होती। घरवालों के काफी कहने पर ऋषभ ने अपनी शुरुआती पढ़ाई the Indian public school Dehradun से पूरी की। पढ़ाई लिखाई में तो वह इतनी अच्छी नहीं थी लेकिन क्रिकेट में उनका लगाव दिन बा दिन उनका बढ़ता चला गया। ऋषभ के खेल के पागलपन को देखते हुए घरवालों ने उनका साथ देना शुरू किया। धीरे-धीरे करके भारतीय नेशनल टीम की तरफ से खेलने का सपना देखने लगे थे जब ऋषभ 10 साल के हुए तो अपनी बड़ी बहन के पास दिल्ली आ गए जहां आकर उन्होंने talent hunt के जरिए क्रिकेटर का चुनाव किया जा रहा है और अपनी बहन के सुझाव पर इस प्रोग्राम में पार्टिसिपेट किया और उनके शानदार टैलेंट की वजह से उनका सिलेक्शन हो गया। सिलेक्शन के बाद Sonnet cricket club Delhi की टीम के साथ हफ्ते में 2 दिन क्रिकेट की ट्रेनिंग दी जाती थी ताकि वह अपने हुनर को और भी निखार सके ऋषभ ने एक इंटरव्यू में कहा था यह टाइम उनके लिए काफी टफ था क्योंकि वो सिर्फ 10-11 साल की उम्र में हर वीकेंड पे ट्रेन से दिल्ली आते हैं और पैसों की कमी की वजह से वह गुरुद्वारे में लंगर खाकर अपना पेट भरते थे और कभी-कभी उसी गुरुद्वारे में सो भी जाते थे और काफी समय तक ऐसा ही चलता रहा अपनी कोच की सलाह पर ऋषभ पंत राजस्थान चले गए और वहां जाकर उन्होंने राजस्थान के under 14-under 16 की तरफ से खेलने लगे हालांकि इस दौरान ऋषभ पंत को काफी भेदभाव का सामना करना पड़ा क्योंकि राजस्थान की टीम में खेलने वाले वह दूसरे स्टेट के अकेले खिलाड़ी थे और इसी भेदभाव के चलते वो राजस्थान की टीम को छोड़कर दिल्ली वापस आ गए दिल्ली वापस आने के बाद वोअलग-अलग age group में ऋषभ पंत की शानदार बल्लेबाजी और विकेटकीपिंग को देखते हुए उन्हें साल 2015 में Delhi की Ranji teams से खेलने का मौका मिला और इसके बाद वह अंडर-19 cricket World Cup में भी इंडिया की तरफ से खेलते हुए नजर आए ऋषभ पंत की शानदार प्रदर्शन को देखते हुए उन्हें आईपीएल 2016 में दिल्ली डेयरडेविल्स टीम ने Delhi Daredevils team ne 1.9 cr की रकम देकर उन्हें अपनी टीम के लिए खरीद लिया और इस ऑक्शन में इंटरेस्टिंग बात यह थी ऋषभ पंत का बेस प्राइस सिर्फ ₹10 लाख था। दिल्ली की टीम में सिलेक्ट होने के बाद इस सीजन में ऋषभ ने अपने शानदार खेल से सभी को बहुत ज्यादा प्रभावित किया कि उन्हें फरवरी 2017 में भारत के नेशनल टीम की तरफ से इंग्लैंड के खिलाफ खेले जाने वाले t20 सीरीज में शामिल किया गया हालांकि सीरियस में उनका परफॉर्मेंस उनके नाम के अकॉर्डिंग नहीं रहा लेकिन डोमेस्टिक क्रिकेट में उन्होंने अपना शानदार प्रदर्शन दिखाया 2017 के आईपीएल में 165 स्ट्राइक रेट से बनाए हुए रन में एक बार फिर से उन्हें इंडियन टीम में जगह दिला दी। पाठ 18 अगस्त 2018 को इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मैच में और 21 अक्टूबर 2018 को वेस्टइंडीज के खिलाफ ओडीआई मैच मैं अपना डेब्यू किया। उन्होंने अपने हर मैच में बेहतरीन प्रदर्शन दिखाया इंटरनेशनल मैचेज में ऋषभ पंत का अभी तक का सफर थोड़ा उतार-चढ़ाव भरा तो रहा लेकिन आईपीएल में उन्होंने अपने शानदार खेल से सभी को बहुत ज्यादा प्रभावित किया और इस खेल को आगे ले जाते हुए साल 2019 में आईपीएल के अपने पहले मैच में ही शानदार रन बनाए।2021 आईपीएल मैं अपने कैप्टनशिप में पॉइंट्स टेबल में दिल्ली को टॉप पर रखा और वह Delhi team के permanent captain बन गए हैं