Prakash Padukone


बैडमिंटन भारत के फेमस खेलों में से एक माना जाता है आज पीवी सिंधु या साइना नेहवाल को भारत के स्टार के नाम से जाना जाता हैं.. लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं एक ऐसा भी टाइम था जब इंडिया का एक पुरुष बैडमिंटन खिलाड़ी दुनिया का सबसे बड़ा बैडमिंटन स्टार था... जिसके खेल की एक झलक देखने के लिए लोग दीवाने रहते थे। प्रकाश पादुकोण भारत के एक बेहतरीन बैडमिंटन खिलाड़ी रह चुके हैं।उन्होंने अपनी प्रतिभा से भारत के लिए कई पदक जीते। जिनमें वर्ष 1983 में उन्होंने विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप में भारत के लिए पुरुष सिंगल में कांस्य पदक( bronze madel) जीता था। उनकी इस उपलब्धियों के लिए भारत सरकार साल  1972 में अर्जुन पुरस्कार, साल  1982 में पद्मश्री और 2018 में उन्हें बी.ए.आई का लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार दिया गया था। उनका जन्म 10 जून 1955 को कर्नाटक के उडुपी जिले में कुन्दपुरा के पास पादुकोण गांव में हुआ था। इनके पिता का नाम रमेश पादुकोण और माता का नाम अहिलिया पादुकोण था। इनके पिता कई सालों  तक कर्नाटक के मैसूर बैडमिंटन एसोसिएशन के सचिव भी रहे।प्रकाश पेशे से एक पूर्व भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी है और अब वे कोच भी हैं।प्रकाश पादुकोण ने अपनी शिक्षा बेंगलुरु के राष्ट्रीय विद्यालय से प्राप्त की। इन्होंने स्कूल की पढ़ाई के साथ-साथ बैडमिंटन खेल की प्रैक्टिस भी शुरू कर दी थी। पढ़ाई के साथ-साथ बैडमिंटन में कई सफलताएं हासिल की।प्रकाश को बैडमिंटन के खेल से रूबरू इनके पिता ने ही करवाया।  प्रकाश पादुकोण ने अपना पहला टूर्नामेंट 1962 में कर्नाटक राज्य जूनियर चैंपियनशिप में खेला था। इस चैंपियनशिप में वो पहले दौर में ही बाहर हो गए, लेकिन उन्होंने मेहनत करना नहीं छोड़ा और दो साल के  बाद ही उन्होंने इस खिताब को जीतने में कामयाबी हासिल की ।साल 1972 में प्रकाश पादुकोण ने इंडियन नेशनल जूनियर बैडमिंटन का खिताब जीता था। इतना ही नहीं उन्होंने इस खिताब को अगले 7 सालों  तक लगातार अपने नाम किया।इन खिताबों के बाद उन्होंने एक नए दौर की शुरुआत की और साल 1980 में डेनिस ओपन(Denmark Open) और  स्वीडिश ओपन (Swedish Open), ( city name sweden )का खिताब जीतकर इतिहास रचा। उन्होंने अपने इंडोनेशियाई Competitor लीम स्वे किंग (Liem Swee King ) से जीत  हासिल करने के साथ ही ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप का पुरुष एकल खिताब जीता, और वे ऐसा करने वाले पहले भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी बने।साल 1983 में उन्होंने विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप में पुरुष सिंगल्स में Participate करते हुए भारत के लिए ब्रोंज मैडल  जीता। विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप में भारत के लिए पदक जीतने वाले वो  पहले बैडमिंटन खिलाड़ी बने। प्रकाश अपने खेल मे technical सुधार लाने के लिए डेनमार्क में ट्रेनिंग लिया करते थे ,उन्होंने अपने करियर का अधिकतर समय वही बिताया।प्रकाश पादुकोण ने साल 1991 में बैडमिंटन के competitive  खेल से संन्यास ले लिया था। इसके बाद वे भारतीय बैडमिंटन संघ के अध्यक्ष के रूप में कार्यरत रहे और वर्ष 1993 से लेकर 1996 तक वे भारतीय राष्ट्रीय बैडमिंटन टीम के कोच भी रहे। प्रकाश पादुकोण की शादी उज्जला पादुकोण से हुई।इनसे इनकी दो बेटियाँ हैं , जिनका नाम दीपिका पादुकोण और अनीषा पदुकोण है। दीपिका बॉलीवुड की एक फेमस  एक्ट्रेस  है , जिन्होंने कुछ सालों पहले बॉलीवुड एक्टर  रणवीर सिंह से शादी की  है। इनकी दूसरी बेटी अनीशा एक गोल्फ खिलाड़ी है।