Norman Pritchard

"जब सफलता की ख्वाहिश आपको सोने न दे, जब मेहनत के अलावा और कुछ अच्छा न लगे. जब लगातार काम करने के बाद भी थकावट न हो. समझ लेना सफलता का नया इतिहास रचने वाला है." आज हम बात करेंगे भारत के पहले ओलंपियान को नजरअंदाज करना बेहद मुश्किल है जो पहले ओलंपिक पदक विजेता बने जिन्हें अक्सर भारत का सबसे बड़ा ओलंपिक नायक कहा जाता है वो है Norman Pritchard नॉरमैन पिटकार्ड का जन्म साल 1877 में कोलकाता में हुआ वो कोलकाता में ही बड़े हुए और सेंट जेवियर्स कॉलेज से पढाई की . इसी कॉलेज में उन्होंने एथलेटिक्स के करियर की शुरुआत की और धीरे-धीरे देश भर में छा गए. यहीं से उन्हें ओलिंपिक खेलों में हिस्सा लेने का मौका मिला. 1900 में पेरिस (Paris Olympic) में हुए ओलिंपिक खेलों में नॉरमैन ने दो ट्रैक इवेंट में दो सिल्वर मेडल जीते जिसमे उन्होंने 200 मीटर और 200 मीटर हर्डल में भारत के लिए मेडल जीते. भारत के मेडल के सफर की कहानी उन्ही के साथ शुरू हुई .खेल की दुनिया में तो वो जाना माना नाम है नॉरमैन पिटकार्ड सिर्फ भारत की ओर से ही नहीं बल्कि एशिया की ओर से ओलिंपिक खेलों में हिस्सा लेने वाले पहले खिलाड़ी थे. साल 1900 में भी वो अकेले ही इन खेलों में हिस्सा लेने पेरिस पहुंचे और वहां जाकर उन्होंने पांच इवेंट में हिस्सा भी लिया..वर्ल्ड एथलेटिक्स ने साल 2005 में 2004 ओलिंपिक के लिए ट्रैक और फील्ड के आधिकारिक रिकॉर्डों की किताब जारी की थी, जिसमें लिखा गया था कि नॉरमैन ने ब्रिटेन की ओर से हिस्सा लिया था. और इसी वजह सें उनके मेडल्स को ग्रेट ब्रिटेन के रिकॉर्ड में शामिल किया गया लेकिन आईओसी के मुताबिक नॉरमैन ने भारत की ओर से हिस्सा लिया था और मेडल्स को भारत के कोटे में शामिल किया गया. नॉरमैन गिलबर्ट प्रिटकार्ड (Norman Gilbert Pritchard) को भारत के पहले ओलिंपिक मेडलिस्ट के तौर पर जाना जाता है. भारत की पहली आधिकारिक ओलंपिक टीम 1920 में इंटरनेशनल ओलंपिक एसोसिएशन से मान्यता मिलने के बाद बनाई गई आजाद भारत के leading industrialists दोराबजी टाटा ने उस टाइम के बॉम्बे गवर्नर जॉर्ज लॅार्ड के साथ इसकी पहल की और कमेटी बनाई भारत से 5 एथलीट्स को चुन इनमें हिसास लेने के लिए भेजा था लेकिन बहुत कम लोग ये बात जानते हैं कि खेलों की दुनिया को अलविदा कहने के बाद उन्होंने एक्टिंग करियर की शुरुआत की. साल 1905 में अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत करने के लिए अमेरिका चले गए. साल 2002 में इस बात का खुलासा किया कि नॉरैमन हॉलीवुड में नॉरमैन ट्रेवर के नाम से काम करते थे. उन्होंने कुछ साइलेंट फिल्मों में काम किया जिसके पोस्टर काफी समय बाद फैंस के सामने आए. नॉरमैन का पूरा नाम गिल्बर्ट नॉरमैन पिटकार्ड और स्क्रीन के लिए ट्रेवर ना था. उनके परिवार से सभी पुरुषों का नाम इन्हीं नामों पर रखा जाता है. उनके बारे में बहुत कम जानकारी लोगों के पास है. उन्होंने अपने एक्टिंग करियर में 27 साइलेंट फिल्मों, और 26 नाटकों में काम किया ऐसा करने वाले वह दुनिया के पहले ओलंपियन थे.... 30 अक्टूबर 1929 को एक दिमागी बीमारी की वजह से लॉस एंजिल्स में उनका निधन हो गया.. लेकिन खिलाडी कभी मरता नहीं है वो हमेशा अपने रिकार्ड्स की वजह से लोगों के दिलों में हमेशा ज़िंदा रहता है |