Kalpana Chawla

वैसे तो यह दुनिया की रीत है कि जो भी इस दुनिया में आता है उसे एक ना एक दिन जाना जरूर होता है लेकिन कुछ लोग दुनिया में ऐसे भी होते हैं जो मर कर भी नहीं मरते बल्कि अमर हो जाते हैं हम बात कर रहे हैं देश की बहादुर बेटी, स्पेस में जाने वाली पहली महिला कल्पना चावला की आइए जानते हैं कि कैसे भारत की बेटी ने पूरे विश्व में भारत का नाम रोशन किया कल्पना चावला का जन्म 17 मार्च 1962 हरियाणा में हुआ था उन्होंने अपनी स्कूलिंग Karnal Tagore Bal Niketan से की उन्हें बचपन से ही स्पेस रॉकेट चांद तारे इन सब चीजों में कलपना को बहुत दिलचस्पी थी स्कूल में भी वह इन्हीं सब विषयों के बारे में पढ़ती और अपने टीचर से सवाल करती मैं जब भी बचपन में कोई भी प्लेन जाता हुआ दिखता था धोने अंदर से बहुत उत्सुकता होती थी कि वह भी उसी प्लेन में बैठे और उसमें सफर करें जिस वजह से उनका पहला सपना था कि वो एयर होस्टेस बनेंगी लेकिन समय के साथ उनकी दिलचस्पी स्पेस में ही जाने की थी इसी के चलते अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने Punjab engineering college Aeronautical engineering में degree हासिल की आगे की पढ़ाई वेश में की और वहां की है की एक University जिसका नाम था taxes University वहां से उन्होंने aerospace engineering में masters की सी टॉपिक पर उन्होंने 1988 में PHD भी की के बाद उन्होंने nasa ज्वाइन कर लिया और और कुछ ही समय में उनके बेहतरीन प्रदर्शन को देख उन्हें specialising in stimulation of moving multiple body problems research team का vice president बना दिया गया और बहुत ही जल्द उन्हें स्पेस मिशन के टॉप 15 लोगों में शामिल कर लिया गया और बहुत ही जल्द उनहे पर उनके छह साथियों को अंतरिक्ष में भेजने का फैसला लिया गया उनका पहला मिशन space shuttle Columbia ki udan STS 87, 19 नवंबर 1997 से शुरु हुआ कैफे सफर सक्सेसफुल रहा और इसका अंत हुआ 5 दिसंबर 1997 इस मिशन के बाद कल्पना चावला ने पूरे देश में भारत का सर गरव से ऊंचा कर दिया था इस सफलता के कुछ ही वक्त बाद एक और मिशन पर कल्पना को भेजने का फैसला लिया गया उनकी दूसरी उड़ान 16 Jan 2003 को Columbia space shuttle से ही शुरू हुई इस मशीन का टाइम तकरीबन 16 दिन का था और 16 दिन के बाद जब पूरी दुनिया में स्पेस रॉकेट के वापस आने का इंतजार हो रहा था तब 1 फरवरी 2003 को लैंड करने से 16 मिनट पहले ही ब्लास्ट हो गया यह देखने के बाद हर कोई शौक में डूब गया उस रॉकेट पर सवार कल्पना के साथ-साथ उनके बाकी सभी साथीयो की उसी वक्त मृत्यु हो गई इस घटना के बाद उन्हें congratulations space model, NSA space flight medal, NASA distinguished service medel से सम्मानित किया गया और जैसा कि हमने शुरुआत में ही कहा था कि कुछ लोग दुनिया में आते हैं और सदा के लिए अमर हो जाते हैं आइए जानते हैं कल्पना चावला के कुछ अनमोल विचार कहूंगी कि अगर आपका कोई सपना है तो उसका पालन करें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप महिला हैं या भारत से या कहीं से भी, यात्रा उतनी ही मायने रखती है जितना कि लक्ष्य, दया कुछ करना चाहते हैं तो इससे क्या फर्क पड़ता है कि आप किस स्थान पर है |