Harivansh Rai Bachchan

गिरना भी अच्छा होता हैं औकात का पता चलता हैं, बढ़ते हैं जब हाथ उठाने को, अपनों का पता चलता हैं, जिन्हें गुस्सा आता हैं, वो लोग सच्चे होते हैं, मैंने तो झूठो को अक्सर, मुस्कुराते हुए देखा हैं, सिख रहा हु अब में भी इंसानों को पढ़ने का हुनर, सुना हैं चेहरे पे किताबों से ज्यादा लिखा होता हैं। ये  कहा था हरिवंश राय बच्चन ने 27 नवंबर 1907 को इलाहाबाद में हिंदी साहित्य के एक ऐसे कवि का जन्म हुआ जो ताउम्र अपनी कलम से दुनिया को रोशन करते रहे प्रताप नारायण श्रीवास्तव और सरस्वती देवी के घर में जन्मे हिंदी के इस बेटे का नाम हरिवंश राय बच्चन था हरिवंश राय बच्चन अपने आप में नाम ही काफी है हरिवंश राय बच्चन हिंदी फेमस कवियों में से एक है उन्हें आज भी बेहतरीन कवियों में से एक कहा जाता है उनकी कविताएं कमाल की होती हैं उनकी कविताएं जिंदगी को एक नया आयाम देते हुए नजर आती है उन्हें सबसे ज्यादा फेम उनकी कविता मधुशाला से मिली।और मधुशाला उनकी सबसे फेमस कविताओं में से एक है हरिवंश राय बच्चन की शुरुआती पढ़ाई वह उनके गांव कीट पाठशाला से हुई। आगे की पढ़ाई के लिए वो इलाहाबाद चले गए और इसके बाद वह कैंब्रिज यूनिवर्सिटी चले गए। जहां से उन्होंने हिंदी साहित्य फेमस कवियों की कविताओं पर बहुत सी रिसर्च की। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करने के दौरान वह कई राज्यकीय पदों पर भी कार्यरत रहे हरि वंश राय बच्चन ने इंडियन गवर्नमेंट में विदेश मंत्रालय में हिंदी विशेषज्ञों की तौर पर भी काम किया था उन्हें राज्यसभा के सदस्य के रूप में भी चुना गया था साल 1926 में हरिवंश राय बच्चन की शादी श्यामा से हुई। कुछ सालों की बात उनकी पत्नी श्यामा टीवी की बीमारी की वजह से 24 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह गई। इसके बाद उन्होंने तेजी सूरी से शादी की। हरिवंश राय बच्चन की 1939 में प्रकाशित एकांत संगीत की पंक्तियां उनकी जिंदगी की इन्हीं घटनाओं की ओर इशारा करती है। मधुकलश,milan यामिनी जैसे काव्य की रचना हरिवंश राय बच्चन जी की प्रमुख रचनाएं जो काफी पसंद की गई थी हरिवंश राय बच्चन को उनकी दो चट्टानें को लेकर हिंदी कविता के साहित्य अकैडमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया वहीं उनको सरस्वती सम्मान, कमल पुरस्कार जैसे कई अवार्ड से सम्मानित किया गया इसके बाद उन्हें सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया बिरला फाउंडेशन ने उनकी आत्मकथा के लिए सरस्वती सम्मान दिया हरिवंश राय बच्चन को भारत सरकार ने साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता अमिताभ बच्चन उनके बेटे हैं वह अपने पिता की कविताओं को लेकर एक बार अमिताभ बच्चन ने कहा था कभी मैं मुश्किल में होता हूं तो उनकी किसी भी किताब को पढ़ने लगता हूं तो मुझे रास्ता नजर आने लगता है। यह सिर्फ अमिताभ बच्चन को ही नहीं बल्कि हिंदी के फेमस कवियों और हिंदी साहित्य में रुचि रखने वाले ज्यादातर लोगों को उनकी पुस्तकें पढ़कर ऐसा नजर आया था हरिवंश राय की कविताएं पढ़कर एक यकीनन नया रास्ता मिलता है हरिवंश राय बच्चन बहुत सारे लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत है अपनी दिलकश कविताओं से लोगों का मन मोहने वाले इस महान कवि ने 95 साल की उम्र में 18 जनवरी साल 2003 को मुंबई में इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया । हरिवंश राय बच्चन भले इस दुनिया से चले गए हो लेकिन वह अपनी छाप लोगों के दिलों पर कुछ इस तरह छोड़ गए हैं कि उन्हें हमेशा याद किया जाता है..