Baba Ramdev

योगा को एक नई पहचान दिलवाने वाले स्वामी रामदेव को आज कौन नहीं जानता यहां तक कि इंडिया के साथ-साथ बहुत सारे देशों में योग को घर-घर पहुंचाने में उनका बहुत बड़ा योगदान है। आज के समय में रामदेव की पहचान एक बिजनेस टायकून के तौर पर भी है। क्योंकि उनके द्वारा बनाई गई कंपनी पतंजलि मल्टीनेशनल कंपनियों को कड़ा कंपटीशन दे रही है और पतंजलि ने बहुत ही कम टाइम में 10000 करोड़ का टर्नओवर पार किया डिटर्जेंट से लेकर, शैम्पू साबुन, toothpaste, घी, दूध,आटा, या पापड़ स्वामी रामदेव की फैक्ट्री में सब कुछ मिलता है लेकिन आज के टाइम में सबसे सफल व्यवसाई और योग गुरु के तौर पर पहचाने जाने वाले स्वामी रामदेव का शुरुआती जीवन बहुत ही संघर्षों भरा रहा। इनका जन्म 25 दिसंबर 1965 को हरियाणा में हुआ था। अपने परिवार के पालन पोषण के लिए इनके पिता खेतों में काम किया करते थे। और इनका नाम रामकृष्ण यादव था।स्वामी रामदेव जब ढाई साल के थे तो उनके शरीर के बाय हिस्से को लकवा मार गया था और उनके परिवार के पास इतने पैसे नहीं थे कि वह शहर जाकर उनका इलाज करवा सके और इसीलिए घर पर ही आयुर्वेद और योगा की मदद से उन्होंने अपने आप को ठीक कर लिया और इस तरह से बचपन से ही बाबा रामदेव का योगा से एक अलग जुड़ाव हो गया घर की आर्थिक स्थिति खराब होने के बाद भी उन्होंने पढ़ाई से कभी भी समझौता नहीं किया और उन्होंने आठवीं क्लास तक की पढ़ाई अपने गांव से ही पूरी की और वो पढ़ाई लिखाई में काफी अच्छे थे iske baad उनके मन में भारतीय साहित्य ,संस्कृति और योगा को जानने के लिए दिलचस्पी बढ़ने लगी और इसके चलते उन्होंने अपना घर छोड़कर कई सारे गुरुकुल में पढ़ाई की स्वामी बाबा रामदेव ने स्वामी शंकरदेव से सन्यासी दीक्षा ली इसके बाद उन्होंने अपना नाम बदलकर स्वामी रामदेव रखा। और फिर जिंद के गुरुकुल में रहकर उन्होंने फ्री में योगा की ट्रेनिंग देना शुरू किया और इसके साथ ही हरिद्वार जाकर उन्होंने मेडिटेशन शुरू किया। साल 2003 में आस्था टीवी ने अपने सुबह के कार्यक्रम में स्वामी रामदेव के योगा को दिखाना शुरू किया और यहीं से रामदेव जी ने लोगों के बीच अपनी पहचान बनाना शुरू की और फिर जैसे-जैसे टाइम बीतता रहा बड़ी-बड़ी हस्ती जैसे कि अमिताभ बच्चन और शिल्पा शेट्टी ने भी उनके योगा कैम्प को अटेंड किया स्वामी रामदेव सिर्फ इंडिया मैं नहीं बल्कि यूएस जापान ब्रिटेन जैसे देशों में भी योगा की ट्रेनिंग दे चुके हैं। साल 2006 में स्वामी रामदेव ने पतंजलि योगपीठ की स्थापना की जिसका मुख्य उद्देश्य योगा को घर पहुंचाना था इसके साथ ही साल 2006 में आचार्य बालकृष्ण के साथ मिलकर पतंजलि आयुर्वेद की भी स्थापना की जोकि आयुर्वेदिक औषधियों और अलग-अलग खाने वाली चीजों का उत्पादन करती है क्योंकि पतंजलि आयुर्वेद पूरी तरह से इंडियन कंपनी है इसलिए इंडिया के लोगों ने भी इस कंपनी पर बहुत जल्द अपना भरोसा कायम किया और इसीलिए कुछ ही सालों पहले खोली गई इस कंपनी ने 10, 561 करोड़ का टर्नओवर भी पार किया। पतंजलि आयुर्वेद में टोटल 950 प्रोडक्ट्स बनाए जाते हैं साथ पतंजलि आयुर्वेदिक मैन्युफैक्चरिंग के अंतर्गत 300 से ज्यादा दवाइयां बनाने का भी काम करती है और मई 2016 के अनुसार पतंजलि देशभर में 4700 आउटलेट्स से अपना सामान भेजती है और रामदेव की वजह से ही पतंजलि विदेशी कंपनियों के लिए खतरा बन चुकी है। देश के लिए किए गए योगदान की वजह से स्वामी रामदेव को बहुत से अवार्ड से सम्मानित किया गया है... उन्हें साल 2015 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया बाबा रामदेव का जीवन उन लोगों के लिए मिसाल है जो छोटी-छोटी मुश्किलों से भी हार मान जाते हैं।