Anandi Gopal Joshi

साला 1886 (छियासि) मैं हुआ एक वाक्य के बारे में आज हम आपको बताने वाले हैं जिसे सुनने के बाद आपको यह एक फिल्मी कहानी लगेगी लेकिन इसकी दिलचस्प बात यही है कि यह आनंदी गोपाल जोशी की जिंदगी की हकीकत है..... उनकी जिंदगी में हुए एक हादसे की वजा से लिए फैसले ने उनकी जिंदगी को ही बदल दिया आनंदी जी की कहानी जख्मी दिल को छू जाने वाली है जितनी दिल छू जाने वाली है उतनी ही हिम्मत से भरी हुई भी है आइए जानते हैं रूढ़िवादी सोच को तोड़कर आगे बढ़ने वाली महिला आनंदी गोपाल जोशी के बारे में आनंदी गोपाल जोशी का जन्म 31 मार्च 1865 पुने में हुआ था I

यह बात तो सभी जानते हैं कि उस समय में महिलाओं के समाज में क्या स्थिति थी ना ही वह अपने फैसले खुद ले सकती थी ना ही अपनी कोई अच्छा सा ही कर सकती थी जो उस समय में बहुत आम सी बात थी और उस समय बाल विवाह भी बहुत ही साधारण सी बात थी इसी प्रथा के चलते महज 9 साल की उम्र में उनके माता-पिता ने उनकी शादी 25 साल की एक लड़के से करवा दी शादी की सबसे अच्छी बात यह थी कि आनंदी के पति असमाने के बाकी पतियो की तरह नहीं थे बल्कि वह तो यह चाहते थे कि उनकी बीवी पढ़े-लिखे वो पति एक पोस्ट ऑफिस में काम किया करते थे जब आनंदी की शादी हुई थी तब उन्हें बेसिक अक्षर पढ़ना भी नहीं आता था यह जानने के बाद उनके पति ने उन्हें क ख ग से पढ़ाना शुरू किया आज अभी पढ़ाई उन्हें आ गई तो उन्होंने और भी किताबें उन्हें लाकर दी तकरीबन 14 साल की उम्र तक वह अपने पति से ही पड़ती रही और फिर 1 दिन इसी उम्र में उनका एक बच्चा हुआ लेकिन एक दुखद बात यहां पर यह हुई की प्रॉपर मेडिकल फैसेलिटीज ना मिलने की वजह से उनके बच्चे की मृत्यु हो गई इस हादसे के बाद ही आनंदी ने ठान लिया था कि वह डॉक्टर बन के रहेंगी जब उन्होंने अपने पति से इस बारे में बात की तो उनके पति फौरन उनकी बात मान गए और उन दोनों को बहुत ही परेशानियों का सामना करना पड़ा आराजी की पढ़ाई लिखाई से ना केवल उनके ससुराल वालों को बल्कि उनके मायके वालों को भी ऐतराज था और जब समाज में इस बारे में पता चला तो सब नहीं डट कर इस बात का विरोध किया लेकिन आनंदी और उनके पति ने इस बात की जरा सी भी फिक्र नहीं करी इन सबके बाद आनंदी मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए अमेरिका गई और साल 1886 (छियासी) में उम्र में उन्होंने महिला मेडिकल कॉलेज ऑफ पेंसिलवेनिया से अपनि मेडिकल डिग्री हासिल कर ली इस डिग्री को drug Drexel University College of medicine से जाना जाता है क्या डिग्री हासिल करने वाली और पहेली भारतीय महिला डॉक्टर डिग्री हासिल करने के बाद वह भारत वापस लौट आई ..... वापस आने के बाद उन्होंने अलवट एलबट हलपताल प्रिंसली स्टेट ऑफ़ कोल्हापुर में भतार महिला डॉक्टर चार्ज संभाला और यह चार्ज समान ले के कुछ ही समय बादयानी 1887 (सतासी) में महज 22 साल की उम्र में टीबी की वजह से उनकी मृत्यु हो गई आनंदी गोपाल जोशी का सपना महिलाओं के लिए एक मेडिकल कॉलेज खोलने का था जैसे वह पूरा नहीं कर पाए लेकिन इतनी सी उम्र में और उस जमाने में उन्होंने जो करके दिखाया है वह आज के वक्त में हम सबके लिए एक मिसाल है